60+ Gulzar Shayari In Hindi | गुलज़ार शायरी हिंदी में
दोस्तों क्या आप गुलज़ार साहब की शायरी की तलाश कर रहे है, अगर हा तो आप बिल्कुल सही जगह आये है, क्योकि आज के इस आर्टिकल में हम Gulzar Shayari शेयर करने वाले है, जो बहुत ही अच्छे है, इन सभी गुलज़ार शायरी के साथ इमेज भी दिया गया है, जिसे आप सभी सोशल मीडिया के लिए उपयोग कर सकते है।
Gulzar Shayari

कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती है
कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता।
इश्क़ की तलाश में
क्यों निकलते हो तुम,
इश्क़ खुद तलाश लेता है
जिसे बर्बाद करना होता है।

मुकम्मल इश्क से ज्यादा तो चर्चे
अधूरी मोहब्बत के होते हैं।
लौटने का ख्याल भी आए
तो बस चले आना,
इंतजार आज भी बड़ी
बेसब्री से है तुम्हारा।

उनकी ना थी कोई खता
हम ही गलत समझ बैठे
वो मोहब्बत से बात करते थे
हम मोहब्बत समझ बैठे।
दिल तो रोज़ कहता है
कि तुम्हे कोई सहारा चाहिए,
फिर दिमाग कहता है
क्यों तुम्हे धोखा दुबारा चाहिए।

दोस्ती रूह में उतरा हुआ
रिश्ता है साहब,
मुलाकातें कम होने से
दोस्ती कम नही होती।
किसी ने मुझसे पूछा की
दर्द की कीमत क्या है
मैंने कहा, मुझे नही पता
मुझे लोग फ्री में दे जाते हैं।

आइने के सामने खड़े होकर
खुद से ही माफी मांग ली मैंने,
सबसे ज्यादा अपना ही दिल दुखाया है
औरों को खुश करते करते।
बहुत कम लोग हैं
जो मेरे दिल को भाते हैं,
और उससे भी बहुत कम हैं
जो मुझे समझ पाते हैं।
गुलज़ार शायरी

तमाशा जिंदगी का हुआ,
कलाकार सब अपने निकले।
नजर भी ना आऊं
इतना भी दूर ना करो मुझे,
पूरी तरह बदल जाऊं
इतना भी मजबूर मत करो मुझे।

हंसना मुझे भी आता था
पर किसी ने रोना सिखा दिया,
बोलने में माहिर हम भी थे
किसी ने चुप रहना सिखा दिया।
कहने को तो बस
बातें हो जाती हैं,
पर दिल खोलकर बात
किए हुए जमाना हो गया।

इतने बुरे नही थे
जितने इल्ज़ाम लगाए लोगों ने,
कुछ किस्मत खराब थी
कुछ आग लगाई लोगों ने।
कोई रंग नही होता
बारिश के पानी में,
फिर भी फिजा को रंगीन
बना देती है।

अब मत मिलना तुम दोबारा
मुझे, वक़्त बहुत लगा है
खुद को संभालने में।
सच बड़ी काबिलियत से छुपाने
लगे हैं हम, हाल पूछने पर
बढ़िया बताने लगे हैं हम।

कमियां तो पहले भी थीं मुझमें
अब जो बहाना ढूंढ़ रहे हो
तो बात अलग है।
पल्लू गिर गया, पर वो
घबराई नहीं उसे यकीन था
मेरी नजर झुकी होगी।
Gulzar Shayari In Hindi

फिक्र है इज्जत की तो
मोहब्बत छोड़ दो जनाब,
आओगे इश्क की गली में
तो चर्चे जरूर होंगे।
बातों से सीखा है हम ने
आदमी को पहचानने का फन
जो हल्के लोग होते हैं
हर वक़्त बातें भारी भारी करते हैं।

तुम्हारी आदत सी हो गई थी
हमें, मालूम तो हमे भी था
कि तुम नसीब में नही हो।
रोना उनके लिए जो तुम पर
निसार हो, उसके लिए क्या
रोना जिनके आशिक़ हजार हों।

जिसका हक है उसे ही मिलेगा,
इश्क पानी नही जो सबको पिला दें।
कयामत तक याद करोगे
किसी ने दिल लगाया था,
एक होने की उम्मीद भी न थी
फिर भी पागलों की तरह चाहा था।

अगर मोहब्बत उससे ना मिले
जिसे आप चाहते हो,
तो मोहब्बत उसको जरूर देना
जो आपका चाहते हैं।
इसलिए पसंद है किताब मुझे
वो टूटकर बिखर जाना पसंद करेगी
मगर अपने लफ्ज़ बदलना नही।

तुझे पाने की जिद थी
अब भुलाने का ख्वाब है,
ना जिद पूरी हुई और ना ही ख्वाब।
गलती तेरी थी या
मेरी क्या फर्क पड़ता है
रिश्ता तो हमारा था ना।

सफर छोटा ही सही
पर यादगार होना चाहिए,
रंग सांवला ही सही
पर वफादार होना चाहिए
सच कहा था एक फकीर
ने मुझसे, तुझे मोहब्बत तो
मिलेगी पर तड़पाने वाली।

नही करता मै तेरा जिक्र किसी
तीसरे से, तेरे बारे में बात सिर्फ
खुदा से होती है।
ठुकराया हमने भी है बहुतों को
तेरे खातिर तुझसे फासला भी
शायद उनकी बद्दुआओं का असर है।

अपनी पीठ से निकले
खंजरों को जब गिना मैंने
ठीक उतने ही निकले
जितनो को गले लगाया था।
बस इतना सा असर होगा
हमारी यादों का,
की कभी कभी तुम बिना
बात के मुस्कुराओगे।
Gulzar Shayari Images

थोड़ा सा रफू
कर के देखिए ना
फिर से नई सी लगेगी,
जिंदगी ही तो है।
हर पल में हंसने का
हुनर था जिनके पास,
आज वो रोने लगे हैं तो
कोई बात तो होगी ना।

मेरी आंखों ने पकड़ा है
उन्हें कई बार रंगे हाथ
वो इश्क करना तो चाहते हैं
मगर घबराते बहुत हैं।
आज थोड़ी बिगड़ी है
कल फिर सवांर लेंगे
जिंदगी है जो भी होगा
संभाल लेंगे।

मुझे मालूम था कि वो
मेरा हो नही सकता,
मगर देखो मुझे फिर भी
मोहब्बत हो गई उससे।
लगता है जिंदगी आज खफा है,
चलिए छोड़िए कौनसी पहली दफा है।

मांगा नही रब से तुम्हे
लेकिन इशारा तुम्हीं पर था,
नाम बेशक नही लिया
मगर पुकारा तुम्हीं को था।
सालों बाद मिले वो
गले लगाकर रोने लगे,
जाते वक़्त जिसने कहा था
तुम्हारे जैसे हजार मिलेंगे।

तन्हाइयां कहती हैं
कोई महबूब बनाया जाए,
जिम्मेदारियां कहती हैं
वक़्त बर्बाद बहुत होगा।
वो हमे भूल ही गए होंगे
भला इतने दिनों तक
कौन खफा रहता है।
बहुत करीब से अनजान
बनके गुजरा है वो शख्स,
जो कभी बहुत दूर से
पहचान लिया करता था।
Gulzar Shayari On Life

मेरे कंधे पर कुछ यूं गिरे
उनके आंसू , कि सस्ती सी
कमीज़ अनमोल हो गई।
सब खफा हैं मेरे लहजे से,
पर मेरे हालात से वाकिफ कोई नहीं।

आखिरी नुकसान था तू जिंदगी में,
तेरे बाद मैंने कुछ खोया ही नहीं।
कोई तो करता होगा हमसे भी
खामोश मोहब्बत, किसी का
हम भी अधूरा इश्क रहे होंगे।

उम्मीद भी अजनबी लगती है
और दर्द पराया लगता है
आईने में जिसको देखा था
बिछड़ा हुआ साया लगता है।
मुस्कुराना, सहते जाना, चाहने की रस्म है
ना लहू ना कोई आँसू इश्क़ ऐसा ज़ख्म है।

ख़ामोश रहने में दम घुटता है
और बोलने से ज़बान छिलती है
डर लगता है नंगे पांव मुझे
कोई कब्र पांव तले हिलती है।
इतना लंबा कश लो यारो,
दम निकल जाए
जिंदगी सुलगाओ यारों,
गम निकल जाए।
Gulzar Shayari In Hindi 2 Lines

शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आपकी कमी सी है।
तुम मिले तो क्यों लगा मुझे,
खुद से मुलाकात हो गई
कुछ भी तो कहा नही मगर,
ज़िंदगी से बात हो गई।

जीना भूले थे कहां याद नहीं
तुमको पाया है जहाँ सांस
फिर आई वहीं।
वो शाम कुछ अजीब थी,
ये शाम भी अजीब है
वो कल भी पास पास थी
वो आज भी करीब है।
वक्त सालों की धुंध से निकल
जायेगा तेरा चेहरा नज़र
से पिघल जायेगा।
खून निकले तो ज़ख्म लगती है
वरना हर चोट नज़्म लगती है।
दोस्तों ऊपर दिए गए सभी गुलज़ार शायरी पढ़कर आपको जरूर अच्छा लगा होगा। अगर आपको Gulzar Shayari पसंद आया हो तो आप हमें कमेंट करके जरूर बताये साथ ही इन आर्टिकल को अपने दोस्तों, रिश्तेदारों के साथ शेयर करे।